UCC- समान नागरीक संहिता क्या है इसकी जरूरत क्यो है इसके लागु होने पर क्या प्रभाव पडेगा – uniform civil code in Hindi

समान नागरीक संहिता क्या है इसकी जरूरत क्यो है इसके लागु होने पर क्या प्रभाव पडेगा uniform civil code in Hindi

समान नागरीक संहिता यह इस समय हमारे भारत देश के अंदर काफी चर्चा का विषय बन चुका है

समान नागरीक संहिता को common civil code,uniform civil code कहा जाता है यह एक समान कानुन होता है जो देश के हर एक नागरीक पर एक जैसे लागु किया जाता है

इस कानुन के तहत शादी,तलाक,बच्चा गोद लेना उत्तराधिकारी रखरखाव,विरासत इत्यादी जैसे मुददे कव्हर किए गए है

यह कानुन लागु होने के बाद महिलाओ को अपने पिता के संपत्ती पर अधिकार प्राप्त होगा इसके साथ ही गोद लेने के मामले मे भी एक समान अधिकार मिलनेवाला है

Law design over white background, vector illustration.
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युनिफॉर्म सिव्हील कोड की उत्पत्ती कब और कैसे हुई थी?

युनिफॉर्म सिव्हील कोड को हमारे भारत देश के अंदर १८३५ मे ब्रिटीश राज्य के दौरान लाया गया था

यह युनिफॉर्म सिव्हील कोड तब लाया गया था जब ब्रिटीश सरकार की ओर से एक अहवाल प्रस्तुत किया गया था जिसके अंदर सबुत अपराध और अनुबंधो से ताल्लुक रखनेवाले भारतीय कानून के संहिताकरण मे एकरूपता की जरूरत पर विशेष रूप से जोर दिया गया था

इस रिपोर्ट के अंदर एक शिफारस भी की गयी थी जिसमे यह कहा गया था की हिंदु और मुस्लिमो के पर्सनल लॉ को इस तरह के संहिताकरण मे शामिल ना किया जाए

युनिफॉर्म सिव्हील कोड का उद्देश क्या है?

यह कोड महिला तथा धार्मिक अल्पसंख्याक इत्यादी एससी एसटी कॅटॅगरी जैसे कमजोर वर्ग को सुरक्षा प्रदान करने हेतु बनाया गया है

यह कानुन देश के सभी धार्मिक समुदायो पर लागु होता है यह हमारे देश के अंदर एक देश एक कानुन का आवाहन करता है

इसका उल्लेख हमारे भारत देश के संविधान अनुच्छेद ४४ के भाग चार मे भी किया गया है इसमे कहा गया है की राज्य की तरफ से भारत देश के सभी क्षेत्रो मे नागरिको के लिये एक समान नागरीक संहिता सुरक्षित करने के लिए प्रयास किया जाएगा

इस अनुच्छेद ४४ का मुख्य उद्दिष्ट समाज मे कमजोर समुहो के साथ जो भेदभाव किया जाता है उसे पुरी तरह बंद करना तथा भारत देश के सभी सांस्कृतिक धार्मिक समुहो के बीच एकता और सामंजस्य निर्माण करना है

भारत देश मे युनिफॉर्म सिव्हील कोड की मांग क्यो की जा रही है?युनिफॉर्म सिव्हील कोड क्यो जरूरी है

आज हमारे भारत देश के अंदर अलग अलग कानून और मेरेज अॅक्ट हमे देखने को मिलते है

यह सारे कानुन तथा मॅरेज अॅक्ट जाती और धर्म के आधार पर बनाए गये है जिस कारण देश के अंदर सामाजिक ढांचा बिगड गया है

इसलिए देश के सभी जाती धर्मो संप्रदाय को एक सिस्टम के अंदर लाने के लिए युनिफॉर्म सिव्हील कोड की मांग बढती जा रही है

इसके पिछे और एक कारण है और वह यह है की देश के अंदर हर एक जाती धर्म के लिये अलग अलग कानून होने से देश की न्यायिक प्रणाली पर भी बोझ तथा बुरा प्रभाव पडता है

इसलिए युनिफॉर्म सिव्हील कोड के जरीए धार्मिक मान्यता पे आधारीत कानुन को सरल बस बनाने की कोशिश की जा रही है

देश मे समान नागरीक संहिता लागु होने पर क्या होगा?

समान नागरीक संहिता लागु होने पर पुरे देश के अंदर सभी जाती धर्मो के लिए एक ही कानून लागु किया जाएगा

यह कानुन सभी जाती और धार्मिक समुदायो के उपर उनके निजी मामले मे भी लागु होगा जैसे की शादी करना,तलाक लेना, बच्चा गोद लेना,विरासत, उत्तराधिकारी.

समान नागरीक संहिता के कारण हिंदु मॅरेज अॅक्ट १९५५,हिंदु उत्तराधिकार अधिनियम १९५६ और मुस्लिम व्यक्तिगत कानून जैसे धर्म के आधार पर बनाए हुए कानुनो का भंग हो सकता है

युनिफॉर्म सिव्हील कोड के फायदे तथा नुकसान-

युनिफॉर्म सिव्हील कोड की वजह से देश मे रहनेवाले सभी जाती धर्मो तथा संप्रदाय के नागरीको के लिए देश के अंदर एक समान कानून लागु होगा

शादी,तलाक,बच्चा गोद लेना,तथा रखरखाव,उत्तराधिकारी विरासत और जमीन जायदाद के बटवारे जैसे सभी मामलो के लिए सभी धर्मो के लिए समान कानुन लागु किया जाएगा यह एक निष्पक्ष कानुन होगा जिसका किसी धर्म से कोई संबंध नही है

  1. युनिफॉर्म सिव्हील कोड की वजह से देश के सभी नागरीको को एक ही कानुन लागु किया जाएगा किसी को धर्म के आधार पर विशेष लाभ प्राप्त नही होगा
  2. सभी जाती धर्मो समुदाय के लोगो को एक समान अधिकार प्राप्त होगा
  3. भारत देश के महिला वर्ग की स्थिती के अंदर सुधार आएगा
  4. कानुन मे सरलता स्पष्टता आएगी जिससे लोगो को कानून समझने मे आसानी होगी
  5. व्यक्तिगत तथा धर्म कानून के नामपर हो रहे भेदभाव बंद हो जाएगे महिलाओ को भी समान अधिकार प्राप्त होंगे
  6. मुस्लिम धर्म के अंदर कम उम्र १५ साल के होते ही जो लडकियो की जो शादी की जाती है इसपे रोक लगेगी
  7. सभी धर्मो के अंदर तलाक की प्रक्रिया एक जैसी हो जाएगी
  8. युनिफॉर्म सिव्हील कोड भारत देश मे कहा लागु किया गया है?
  9. भारत देश के अंदर युनिफॉर्म सिव्हील कोड अबतक सिर्फ गोवा राज्य के अंदर लागु किया गया है गोवा मे इसे पोर्तुगाल सरकार के समय मे लागु किया गया है
  10. भारत देश मे युनिफॉर्म सिव्हील कोड यह कानून मुस्लिम शीख ईसाई पारसी धर्म के लोगो पर लागु नही किया गया है क्योकी इन धर्मो के अपने पर्सनल लॉ है अगर भारत के अंदर युनिफॉर्म सिव्हील कोड लागु हो गया तो सभी धर्म के लोग एक समान कानून के दायरे मे जाएंगे तभी भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष तथा एक समान बनेगा

कौन कौनसे देशो मे अबतक समान नागरीक संहिता लागु की गयी है?

अमेरिका

आयर्लंड

बांगलादेश

पाकिस्तान

इंडोनेशिया

इजिप्त

तुर्की

सुदान

कोर्टने मांगी युनिफॉर्म सिव्हील कोड पर लोगो की और धार्मिक संस्थानो की राय –

लाॅ कमिशन की तरफ से देश मे समान नागरीक संहिता लागु करने के निर्णय पर लोगो की और धार्मिक संस्थानो की तरफ से सुझाव मांगे गए है

कर्नाटक हायकोर्ट के चीफ जस्टिस त्रतुराज अवसती की अध्यक्षता वाले बावीस वे लाॅ कमिशन ने लोगो की और से इस युनिफॉर्म सिव्हील कोड लागु करने पर अपनी राय तथा सुझाव मांगे है

अपने यह विचार तथा सुझाव देश के नागरीक लोग तथा धार्मिक संस्थांनो को ३० दिन के अंदर लाॅ कमिशन की आॅफिशिअल वेबसाईट तथा ईमेल आयडी पर भेजने को कहा गया है

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