ब्लु बगिंग क्या है? ब्लु बगिंग कैसे होती है,और इससे हमारा फोन कैसे हॅक हो सकता है?
हम सभी के स्मार्ट फोन मे कई तरह के फिचर्स मौजुद होते है जिसमे से एक फिचर ब्लुटुथ भी है
इस फिचर का इस्तेमाल हम एक फोन मे से दुसरे मोबाईल फोन मे कोई गाना,कोई फाईल,कोई फोटो व्हिडिओ ब्लुटुथ के जरीये सेंड तथा शेअर करने के लिए करते है
पर स्मार्ट फोन के इस महत्वपूर्ण फीचर के जरीये हॅकर हमारे मोबाईल के डेटा को हॅक भी कर सकते है यह कैसे हो सकता है यही हम आज जाननेवाले है
कभी कभी हमारे मोबाईल का ब्लुटुथ फिचर डेटा को सेंड करने के लिए आॅन करने के बाद बंद करना हम भुल जाते है जिसकी वजह से यह आॅन ही रह जाता है जिसकी वजह से हमे बहुत बडा नुकसान सहना पड सकता है
अगर हम अपने स्मार्टफोन के ब्लुटुथ फिचर को इस्तेमाल करने के बाद भी आॅन रखते है तो इसके जरीये कोई भी हॅकर हमारे मोबाईल के डेटा को आसानी से हॅक कर सकता है

इस तरीके को ब्लु बगिंग कहा जाता है इसमे हॅकर हमारे आॅन रह गए ब्लुटुथ डिव्हाईस के साथ पेअरींग करके आसानी से हमारे मोबाईल मे से कोई भी फोटो व्हिडिओ फाईल तथा बॅक डिटेल्स हॅक करके चुरा सकता है
इसके साथ साथ वह हमारे स्मार्टफोन के अंदर किसी भी हॅकिंग तथा स्पाई मेलिशिअस अॅप्स को इंस्टाॅल करवा सकता है और हमे इसके बारे मे पता भी नही चलेगा
इसलिए हमे अपना ब्लुटुथ फिचर इस्तेमाल करने के बाद इसे ध्यान से आॅफ करना चाहिए नही तो हमारी यह एक गलती हमारे मोबाईल के अंदर सेव्ह सभी संवेदनशील डेटा को हॅकर्स तक पहुचा सकती है
ब्लु बगिंग क्या है?
ब्लु बगिंग यह एक हॅकिंग का ही तरीका है जिसमे हॅकर्स ब्लु टुथ के जरीए हमारे डेटा को हॅक कर सकते है
इसमे हॅकर्स हमारे ब्लु टुथ डिव्हाईस के साथ अपना डिव्हाईस पेअरींग करके कनेक्ट करते है और फिर हमारे मोबाईल के किसी भी संवेदनशील डेटा इनफरमेशन को चुराते है
इसमे हॅकर्स हमारे डिव्हाईस का अॅक्सेस लेके हमारे मोबाईल के अंदर सेव्ह सारे महत्वपूर्ण संवेदनशील डेटा तथा बॅक अॅप वाॅलेट अॅप को अॅक्सेस कर आसानी से इसके डेटा को चुरा सकता है
ब्लु बगिंग कैसे होती है?
- ब्लु बगिंग मे हॅकर्स सबसे पहले हमारे मोबाईल फोन के अंदर अपना कोई हॅकिंग अॅप तथा स्पाई मेलिशिअस अॅप को इंस्टाॅल करवाते है
- फिर हमारे ओपन ब्लुटुथ के साथ पेअरींग करके कनेक्ट हो जाते है और ब्लु टुथ के जरीए हमारे संवेदनशील डेटा को शेअर करके हॅक करते है
- हमारे फोन मे कोई कनेक्शन तैय्यार किया गया है तथा हमारे मोबाईल का कंट्रोल किसी और के पास है यह हमे पता न चले इसलिए इसमे हॅकर्स हमारे लाॅक को बायपास कर डालते है
- मोबाईल मे कनेक्शन क्रिएट करने के बाद हॅकर्स हमारे मोबाईल के अंदर किसी मालवेअर तथा मेलिशिअस स्पाई अॅप को इंस्टाॅल करवाते है
इस हॅकिंग अॅप तथा स्पाई साॅफ्टवेअर के जरीये हमारे स्मार्टफोन फोन मे हॅकर्स मालवेअर तथा किसी मेलिशिअस साॅफ्टवेअर को इंजेक्ट करते है
और फिर हमारे स्मार्टफोन का सारा संवेदनशील डेटा फोटो,व्हिडिओ,फाईल्स,डाॅक्युमेंट बॅकिंग डिटेल्स उस मालवेअर साॅफ्टवेअर के जरीये परमिशन लेकर हासिल किया करते है
ब्लु बगिंग मे हॅकर्स क्या क्या कर सकता है?
ब्लु बगिंग के जरीये मोबाईल डेटा को अॅक्सेस करने की परमिशन को हासिल कर के
हॅकर हमारे सभी प्रायव्हेट सिक्रेट डेटा जैसे की प्रायव्हेट फोटो,व्हिडिओ,फाईल्स,डाॅक्युमेंट बॅकिंग डिटेल्स को आसानी से देख सकता है
इसमे हॅकर्स हमारे मोबाईल मे आए किसी भी काॅल मेसेज को भी रेकाॅर्ड किया जा सकता है वो हमारे मोबाईल की सभी गतिविधीया ट्रॅक कर सकता है
ब्लु बगिंग से बचने के लिए हमे क्या करना चाहिए?कौन कौनसी सावधानीया हमे बरतनी चाहिए?
बिना किसी वजह के हमे हमारा ब्लु टुथ कभी भी आॅन नही रखना चाहिए इस्तेमाल करने के बाद तुरंत बंद कर देना चाहिए
ब्लुटुथ कनेक्शन के लिए हमे ऐसा स्ट्राॅग पासवर्ड रखना चाहिए जो कोई अनजान इंसान आसानी से गेस नही कर सकता
कोई आसानी से गेस कर सके ऐसे पासवर्ड ब्लुटुथ कनेक्शन के लिए नही रखने चाहिए
For example 1234,123456789
- अगर हमे किसी अनजान ब्लुटुथ डिव्हाईस से ब्लुटुथ कनेक्शन के लिए पेअरींग रिक्वेस्ट भेजी जाती है तो हमे इसे अॅक्सेप्ट नही करना चाहिए
- हमारे स्मार्टफोन तथा फोन के ब्लु टुथ सेटिंग के अंदर आॅटो जाॅईन नाम का एक आॅप्शन मौजुद होता उसे हमे आॅफ कर देना चाहिए
- किसी भी ज्यादा भीडभाड वाली जगह पर मतलब बस स्टेशन रेल्वे स्टेशन इत्यादी जगह पर हमे अपना ब्लु टुथ आॅफ रखना चाहिए
- हमे हमारे ब्लुटुथ से डाऊनलोड किए जानेवाले डेटा को हमेशा चेक करना चाहिए किसी भी स्मार्टफोन के अंदर ब्लुटुथ के जरीये जो भी अॅप्स साॅफ्टवेअर इंस्टाॅल किये जाते है उसकी एक हिस्ट्री मौजुद होती है हमे उसे चेक करना चाहिए
- हमारे ब्लु टुथ के जरीए डाऊनलोड किया गया मेलिशिअस साॅफ्टवेअर डेटा अॅप हमारे मोबाईल फोन के अंदर फाईल मॅनेजर,फोन मेमरी मे आकर एक स्पेसिफिक लोकेशन पर
सेव्ह हो जाता है वहा जाकर हम इसे चेक कर सकते है - और ऐसी कोई चीज दिखे तो हम इसे तुरंत डिलिट भी कर सकते है
- हमे हमारे मोबाईल डिव्हाईस को हमेशा अपडेट करते रहना चाहिए हमेशा अपडेटेड साॅफ्टवेअर का इस्तेमाल करना चाहिए